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झूठी खुशी का मुखौटा उतारने की इच्छा है, किसी अपने

झूठी खुशी का मुखौटा उतारने की इच्छा है,
किसी अपने से लिपट कर रोने की मनसा है,
कब तक इस मुखौटे का बोझ उठाऊं 
किसी अपने की गोद में सोकर,
 सब कुछ भुला जाने की लालसा है,
मां शब्द पुकारते ही उस वक्त 
मानो मेरे दुख का कुछ अंश टूट जाता है,
मां......................!!!!!!!!!
अपने पास बुला लो न मां #DurgaMaa #
झूठी खुशी का मुखौटा उतारने की इच्छा है,
किसी अपने से लिपट कर रोने की मनसा है,
कब तक इस मुखौटे का बोझ उठाऊं 
किसी अपने की गोद में सोकर,
 सब कुछ भुला जाने की लालसा है,
मां शब्द पुकारते ही उस वक्त 
मानो मेरे दुख का कुछ अंश टूट जाता है,
मां......................!!!!!!!!!
अपने पास बुला लो न मां #DurgaMaa #