तू कबतक रोएगा तू कबतक सोचेगा, चल उठ अब कुछ कर भी ले तू कबतक सोयेगा।। जिस लक्ष्य को तूने बनाया है, उसे कबतक यू सपनों में देखगा।। उस लक्ष्य को हकीकत बनाने को, अब तो कुछ कर भी ले।। तू कबतक सोयेगा, चल उठ अब कुछ कर भी ले।। तंडुला राज आनंद तू कबतक सोयेगा