Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज मुझको तन्हा छोड़ दो, किसी की जुदाई याद आने लगी।

आज मुझको तन्हा छोड़ दो,
किसी की जुदाई याद आने लगी।
अश्क़ बहना चाहते है बेतहाशा, 
उनकी याद दर्द छलकाने लगी।।
दबा न पाएंगे ग़म उनका ज्यादा देर,
ऐसी आंखें मेरी भरने लगी।
उनका ख्याल अब रह रह कर सता रहा,
अश्क़ बहने की नौबत, 
अपना एहसास दिलाने लगी।।
अरसा बीता उन्हें देखें बिना, 
नजरें उनका चेहरा हवाओं में बनाने लगी।
अश्क़ ही सही नसीब में कोई ग़म नहीं,
उनकी यादें ही मेरी जिंदगी की, 
सांसें बनने लगी।।
आज मुझको तन्हा छोड़ दो,
किसी की जुदाई याद आने लगी.....

©Yogendra Nath Yogi
  #ashq#अश्क़