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छोड़ बेचैनियां यूँ मेरी आँखों मे, क्या भला चैन से त

छोड़ बेचैनियां यूँ मेरी आँखों मे,
क्या भला चैन से तुम भी सो पाओगे?
लाख कर लो अलग खुद को मुझसे मगर,
मेरे दिल से निकल कर कहां जाओगे।। बेचैनियाँ
छोड़ बेचैनियां यूँ मेरी आँखों मे,
क्या भला चैन से तुम भी सो पाओगे?
लाख कर लो अलग खुद को मुझसे मगर,
मेरे दिल से निकल कर कहां जाओगे।। बेचैनियाँ