डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। डर 🍃🍂🍃🍂🍃🍂 एक पत्ते की खड़खड़ाहट से घबरा गए अच्छा हुआ जो जल्द , होश में आ गए। करके बलात्कार खुद को नायक समझते थे आज मरकर दी एक आवाज़ तो घबरा गए मेरी हर एक चीख पे चहकते रहे थे तुम आज आईने में अक्स दिखाया तो घबरा गए