शिव धनुष तोड़ श्रीराम ने, स्वयंवर का मान बढ़ाया है। सिया वर राम बनने का,, अद्भुत सुअवसर पाया है।। गुरु की आज्ञा से ही, धनुष की ओर बढ़े थे। बड़े बड़े योद्धा आसन से,, मूक हो खड़े के खड़े थे।। परशुराम जी आहत हुए, गुणगान भी आखिर गाया है। शिव धनुष तोड़ श्रीराम ने,, स्वयंवर का मान बढ़ाया है।। ©Satish Kumar Meena #रामलीला