अब जब पसीने अपने रुमाल से पोछता हूँ, आपका मखमली आँचल को बहुत याद करता हूँ, ये आपकी ही जिद थी कि मैं अपने पैरों पर खड़ा हो जाऊ, मैं तो बस यही चाहता हूँ कि आपकी उंगली पकड़ के ही चलता जाऊ, प्यारी माँ... #प्यारी #माँ #PyaraNojoto