अधूरा सा कुछ छूट सा रहा है.. नजाने ऐसा क्यूं लगता है? कुछ काम,कुछ रिश्ते और कुछ मुलाकातें.. सब कुछ तो यूं अधूरा पड़ा है, कहीं हम भी अधूरे तो जा नहीं रहें ? अनजान सहर में अनजान लोगों की बीचों बीच, मंजिलों को हासिल करने, कहीं खुद को यहां छोड़ तो नहीं जा रहे हैं? Miles make milestones and you are the one who will make it..