नासमझ हूँ तो क्या लिखूँ भूल चुका हूं खुदको मनाने न मनाने में फिर भी साथ वो तकरार अच्छी है। मैं साथ हूँ जब मैं साथ से नहीं पानी में काई सा कोई दाग नहीं बात ये तुमने कब समझी है, मेरी चाहत सच्ची है... #मेरीचाहत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi