Nojoto: Largest Storytelling Platform

टूट जाते है रिश्ते तो ज़िंदगी रुकती नही बस गलतफहमिय

टूट जाते है रिश्ते तो ज़िंदगी रुकती नही
बस गलतफहमियां फिर आगे बढ़ती नहीं 

मिलते है नए रिश्ते तुझको हर मोड़ पर
तेरे दिल की ख़लिश तब भी मिटती नहीं रिश्ते


निधि और आयुष आज आमने सामने आ गए थे या फिर यूँ कहे कि किस्मत उन्हें एक बार फिर एक दूसरे के सामने लेकर आ गई थी तो गलत नहीं होगा। दोनों ही अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए आज एक दूसरे के सामने थे लेकिन उनके दिल में एक डर था कि जो कुछ उनके रिश्ते के साथ हुआ था वही अंजाम कही उनके बच्चों के रिश्तों का न हो।

उन दोनों को अपना अतीत याद आ रहा था जिसका सबसे ज्यादा असर आयुष पर हुआ था। वो शुभांकर की शादी थी जहाँ निधि और आयुष की पहली मुलाकात हुई थी। निधि की माँ अपनी बेटी के लिए एक सुयोग्य वर की तलाश में थी और आयुष उन्हें पहली ही नज़र में भा गया। 

धीरे धीरे निधि और आयुष के परिवार वालों ने उनके रिश्ते की बात आगे बढ़ाई और फिर दोनों में चोरी छिपे मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। अब आयुष निधि को ही अपने जीवनसाथी के रूप में देखना चाहता था।
टूट जाते है रिश्ते तो ज़िंदगी रुकती नही
बस गलतफहमियां फिर आगे बढ़ती नहीं 

मिलते है नए रिश्ते तुझको हर मोड़ पर
तेरे दिल की ख़लिश तब भी मिटती नहीं रिश्ते


निधि और आयुष आज आमने सामने आ गए थे या फिर यूँ कहे कि किस्मत उन्हें एक बार फिर एक दूसरे के सामने लेकर आ गई थी तो गलत नहीं होगा। दोनों ही अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए आज एक दूसरे के सामने थे लेकिन उनके दिल में एक डर था कि जो कुछ उनके रिश्ते के साथ हुआ था वही अंजाम कही उनके बच्चों के रिश्तों का न हो।

उन दोनों को अपना अतीत याद आ रहा था जिसका सबसे ज्यादा असर आयुष पर हुआ था। वो शुभांकर की शादी थी जहाँ निधि और आयुष की पहली मुलाकात हुई थी। निधि की माँ अपनी बेटी के लिए एक सुयोग्य वर की तलाश में थी और आयुष उन्हें पहली ही नज़र में भा गया। 

धीरे धीरे निधि और आयुष के परिवार वालों ने उनके रिश्ते की बात आगे बढ़ाई और फिर दोनों में चोरी छिपे मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। अब आयुष निधि को ही अपने जीवनसाथी के रूप में देखना चाहता था।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

रिश्ते निधि और आयुष आज आमने सामने आ गए थे या फिर यूँ कहे कि किस्मत उन्हें एक बार फिर एक दूसरे के सामने लेकर आ गई थी तो गलत नहीं होगा। दोनों ही अपने बच्चों की ख़ुशी के लिए आज एक दूसरे के सामने थे लेकिन उनके दिल में एक डर था कि जो कुछ उनके रिश्ते के साथ हुआ था वही अंजाम कही उनके बच्चों के रिश्तों का न हो। उन दोनों को अपना अतीत याद आ रहा था जिसका सबसे ज्यादा असर आयुष पर हुआ था। वो शुभांकर की शादी थी जहाँ निधि और आयुष की पहली मुलाकात हुई थी। निधि की माँ अपनी बेटी के लिए एक सुयोग्य वर की तलाश में थी और आयुष उन्हें पहली ही नज़र में भा गया। धीरे धीरे निधि और आयुष के परिवार वालों ने उनके रिश्ते की बात आगे बढ़ाई और फिर दोनों में चोरी छिपे मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। अब आयुष निधि को ही अपने जीवनसाथी के रूप में देखना चाहता था।