अब अफ़सोस क्यूँ है तुम्हे क्या कहने फिर आए हो जब अजनबी हो गए हम तब प्यार जताने आए हो मै खुश हूँ जिंदगी से क्यूँ दुख मनाने आए हो जब सूख गए है दरिया तुम आंसू पूछ्ने आए हो तुम मजबूर थे मालूम था फिर कहा से हिम्मत लाए हो अब आदत है अंधेरों की क्यूँ दिया संग ज्योति लाए हो अब विश्वास नहीं है तुम पर क्यूँ बहाने सुनाने आए हो मै हार गई हूँ खुद से क्या मुझे जीतने आए हो क्यूँ आज वापस आए हो