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मेरे ज़ख्मों पे नमक, मत छिड़क ए ज़ालिम दोस्त..! दर

 मेरे ज़ख्मों पे नमक, मत छिड़क ए ज़ालिम दोस्त..!
दर्द को रुख़सत करना भी तूने ही मुझे सिखाया है !!

घनश्याम शर्मा 'राधेय'
 मेरे ज़ख्मों पे नमक, मत छिड़क ए ज़ालिम दोस्त..!
दर्द को रुख़सत करना भी तूने ही मुझे सिखाया है !!

घनश्याम शर्मा 'राधेय'

मेरे ज़ख्मों पे नमक, मत छिड़क ए ज़ालिम दोस्त..! दर्द को रुख़सत करना भी तूने ही मुझे सिखाया है !! घनश्याम शर्मा 'राधेय'