मृगतृष्णा nazm #NojotoQuote जागती निग़ाहों में ख़्वाब मचल जाते होंगे अक्सर रोटी के संग हाथ भी जल जाते होंगे बेवज़ह के मेरे ख़्याल रुसवा कर जाते होंगे दुपट्टा भूलकर, मुझे ओढ़ निकल जाते होंगे दरीचे चीख कर मुझे, आवाज़ लगाते होंगे जब गली में मेरा नामोनिशां नही पाते होंगे