चलो आज के रोज़ ख़ुद को कुछ तोहफ़ा दिया जाए ज़िन्दगी, कुछ देर तुझे गले लगाके सुलह किया जाए 9/9/22 Dedicated to self अपनी यौम ए विलादत पर Aur readers grammar ko ignore karen