सोच रही थी आज मुड़ कर पीछे देखा जाए, क्या खोया क्या पाया उसका लेखा जोखा किया जाए, जिंदगी कितनी जी उसको देखा जाए, कौन कौन साथ छोड़ गया और कौन साथ जुड़ गया उसको समझा जाये जो छोड़ गए उनको धन्यवाद और जो साथ राह गए उनको राम राम कहा जाए। न दुख रखा जाए, न मलाल किया जाए, जो खुशी के पल थे सोचा उनको दुबारा देखा जाए। मैं क्या थी और क्या हो गयी, इसका भी आंकलन किया जाए। बीती ज़िन्दगी के पन्नो को फिर से पढ़ा जाए, कल क्या था, आज क्या है मुठ्ठी खोल देखा जाए! सोच रही थी आज मुड़ कर पीछे देखा जाए।। #सोच #soch #मुड़कर #peeche #dekha #khoya #yqbaba #yqdidi