अब चैन वाली नींद काहा आती हैं... ओ बचपन वाली परियां अब सपनों में काहा आती हैं.. जिदंगी की इस भाग दौड़ में.. कई कई रातें आखें यूंही खुली रह जाती हैं....!! _एस.जी. तृषा #नोजोटो #लव