Nojoto: Largest Storytelling Platform

*आकर्षक का सिद्धांत--* *Thoughts become r

*आकर्षक का सिद्धांत--*
         *Thoughts become reality…Think,Visulise and speak always what you want.....*
    ```हममें से अधिकतर लोग चाहते कुछ है और सोचते कुछ और -----```
          दोस्त,जब आप Restaurant में खाने जाते हैं तो Waiter से क्या कहते हैं--- मुझे एक कढाई पनीर,2 Garlic नान और एक Fried Rice नहीं चाहिए⁉
या 
फिर मेरे लिए एक Lime soda मत लाना⁉
       *क्या आप ऐसे order देते हैं कि मुझे ये-ये चीजें नहीं चाहियें या ये बताते हैं कि आपको क्या -क्या चाहिए⁉⁉*
Of Course हर कोई यही कहता है कि उसे क्या चाहिए...ये नहीं कि उसे क्या नहीं चाहिए।
Now Suppose अगर हम Waiter से कहते कि क्या नहीं चाहिए तो क्या वो हमारे मन की चीज ला कर दे पाता⁉
 क्या वो हमारे “नहीं चाहिए ” से ये Interpret कर पाता कि हमें “ क्या चाहिए" 
नहीं कर पाता यही बात हमारी Life में भी लागू होती है …ये ब्रह्माण्ड एक ऐसी अद्भुत जगह है जहाँ हमारी हर एक इच्छा पूरी हो सकती है।

कैसे ?

हमारी सोच से ‼️‼️

     दोस्त,ये दरअसल एक Law है जो किसी भी Mathematical Law की तरह Perfect है , हम इसे Law Of Attraction कहते हैं।
       इस बारे में मैं पहले भी बात कर चुका हूँ इसलिए यहाँ मैं उन बातों को नहीं दोहराऊंगा।
    *बस आप इतना समझिये और मन में बैठा लीजिये कि आपकी सोच ही आपकी दुनिया का निर्माण करती है।*

   पर ऐसा है तो हर कोई क्यों नहीं कर पाता...जो वो चाहता है ⁉

दोस्त,मुझे इसके दो मुख्य कारण  हैं :----

➡️हर कोई इस बात को लेकर Crystel Clear नहीं है कि वो दरअसल सच मे क्या चाहता है⁉
और जिन्हें Clear है वे इस बारे में प्रबलता से सोचते न
  दोस्त,यदि आप पहले Point पर ही अटकें हैं तो सबसे पहले इस बात की Clarity लाइए कि आप चाहते क्या हैं और क्यूँ चाहते है⁉
     एक बार जब आप इसे लेकर Clear हो चुके हैं कि आप क्या चाहते हैं तो फिर बारी आती है उसे ब्रह्माण्ड से order करने की ।

*➡️ब्रह्माण्ड से कैसे Order कर सकते हैं ⁉*

ब्रह्माण्ड से order करना बहुत आसान है …यहाँ हमारा order हमारी सोच के through होता है …हम जो सोचते हैं उसे हमारा Order मान लिया जाता है।

  और यहीं हम Order देने में वो गलती कर बैठते हैं जिसे हम Restaurant में करने की सोच भी नहीं सकते !!
   अक्सर हम वो Order नहीं करते जो हमें चाहिए बल्कि वो करते हैं जो नहीं चाहिए।
       और Universe का चूंकि लैंग्वेज "इमेज" है और "हाँ" या "ना" का इमेज बनता नही बल्कि जो आप सोचते है उसका इमेज बनता है...तो...Universe को ऐसा लगता है कि आप जो सोच रहे है,जिसकी आप इमेज बना रहे है(हाँ या ना से बाहर निकलकर)...आप वही चाहते है।
      जब आप लगातार सोचते रहते हैं कि “ कहीं पैसे कम ना पड़ जाएं “ तो दरअसल ब्रह्माण्ड को एक order दे रहे होते हैं जिसे वो इस तरह सुनता है ,” ये आदमी चाहता है की इसके पास पैसे कम पड़ जाएं ” और आपके जीवन में उसे हकीकत के रूप में ले आता है …आप पैसों की और भी कमी महसूस करने लगते हैं।
    *दोस्त,दरअसल हम Images के Through सोचते हैं और ब्रह्माण्ड ये मान कर चलता है की जो इमेज हम देख या सोच रहे हैं वही हम अपनी लाइफ में चाहते हैं और उसे वो हमारे लाइफ की reality बना देता है।*

    तो जब आप “पैसे कम ना पड़ जाएं" सोचते हैं तो …दिमाग में पैसे कम होने की इमेज बनती है …और इससे Related Feeling अन्दर पैदा होती हैं …..य़े सब इतनी तेजी से होता है कि May Be आप इसे Notice ना कर पाएं पर हमारा ये विचार ब्रह्माण्ड तुरंत Catch कर लेता है और उसी के हिसाब से हमारी हकीकत बनाने में जुट जाता है।

Ok, तो आप ये तो समझ चुके होंगे कि आपको “पैसों की कमी" वाली thought नहीं सोचनी चाहिए।

क्योंकि ये तो वो चीज है जो आप नहीं चाहते हैं।आप तो इसका उल्टा चाहते हैं कि मेरे पास खूब पैसे हों।

Right…तो फिर आप इसे सोचिये …इसे हकीकत मान कर चलिए और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में इसे सच कर देगा ।

वो सोचो जो चाहते हो...वो नहीं जो नहीं चाहते हो ! 

तो दोस्त,य़े तो बड़ा आसान है। मुझे जो चाहिए वो सोचूं And As Per Law ब्रह्माण्ड मुझे वो सब कुछ दे देगा..Right..पर problem ये है कि जो चाहते हैं सिर्फ उसी के बारे में सोचना आसान नहीं है।
इंसानी दिमाग हर वक़्त सोचता रहता है …इसे Control करना बहुत मुश्किल होता है …शायद इसीलिए हमारे ऋषि -मुनियों ने ध्यान लगाने की विधि बनायीं होगी ताकि हम सोच की Infinite Power को खुद नियंत्रित कर सकें।
  पर हम उस तरह ध्यान नहीं लगा सकते … तो फिर हम क्या कर सकते हैं ⁉

    मैं क्या करता हूँ वो आपको बताता हूँ ।
पहली बात , मुझे जो चाहिए मैं उसे अच्छी तरह से imagine करता हूँ । जैसे-अच्छी Relationships, या Financial Stability,Dream House,Dream Car

अब ये Thought लगातार बनी रहे इसलिए मैं इसे दिन भर में कई बार अपने मन में दोहराता हूँ …उससे Related Visual Images इमेजिन करता हूँ …अच्छा Feel करने की कोशिश करता हूँ …ऐसा नही कि मैं दिन भर यही करते रहता हूँ …ये Randomly होता है...कभी भी Car में बैठे वक़्त,Lunch करते हुए…या किसी और Time पर मैं दिन में कई बार मुझे जो चाहिए उस बारे में सोचता हूँ।
  पर इसका ये मतलब  नहीं है कि मुझे जो नहीं चाहिए वो विचार मेरे अंदर आते ही नहीं …कई बार आते हैं …लेकिन जैसे ही मैं Conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मुझे चाहिए तो मैं उसे वहीँ छोड़ उसका उल्टा सोचने लगता हूँ।

     और ऐसा मैं हर तरह की Thoughts के साथ करता हूँ . Primarily मुझे जो चाहिए वो दो -तीन चीजें ही हैं लेकिन उनके अलावा भी मैं कोशिश करता हूँ कि हर एक Condition में मैं वही सोचूं जो मैं चाहता हूँ।
 Ex--अगर कहीं पहुँचने में देर हो रही होती है तो दिमाग में आता है कि कहीं Traffic जाम ना मिले।जिससे मिलना है वो चला ना जाए …etc….पर जैसे ही  मैं Conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मैं चाहता हूँ तो मैं ठीक उल्टा सोचना शुरू करता हूँ …Traffic बिल्कुल Smooth है…हर कोई मुझे रास्ता दे रहा है …और जिससे मिलना है वो मुझे ख़ुशी के साथ Welcome कर रहा है।

Of course, ज़रूरी नहीं है कि ऐसा हो ….पर  ऐस

Well, ये Conscious हो कर सोचने वाली प्रक्रिया बहुत Powerful है पर फूलप्रूव नहीं है …क्योंकि हो सकता है आप बुरे विचारों में इतने उलझे हों कि ध्यान ही न जाये कि जो चाहते हैं वो सोचें इसलिए मैं तीन ऐसी चीजें करता हूँ जो काम कर जाएं ।

*पहला है–* अपनी Success Diary लिखना.…Again , इसके बारे में मैं बता चुका हूँ , So I Won’t Repeat. In Short…आप जो चाहते हैं उसे रोज 5 बार ज़रूर लिखें।
रात मे सोते समय और सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले ।

*दूसरा--* दिन में दो -तीन बार ऐसा मौका मिलता है जब आप निश्चित रूप से अकेले होते हैं …Fresh होते वक़्त,नहाते हुए …या Office जाते समय..आप इन Situations को अपनी Life Priorities के बारे में सोचने के लिए Dedicate कर सकते हैं।

For Ex:-- जब मैं Fresh हो रहा होता हूँ तो मैं अपने Financial Freedom के बारे में सोचता हूँ । 
कहीं भी जाते समय मैं भगवान् को वो सब कुछ जो उन्होंने दिया है उसके लिए Thanks करता हूँ,उनके प्रति Gratitude देता हूँ…. हाँ , मैं कई बार इसमें चूक भी जाता हूँ …पर धीरे -धीरे ये मेरी आदत बन रही है …और मैं अपनी Life में Changes भी महसूस कर रहा हूँ ।

*तीसरा --* Vision Folder  या Dream Book देखना। Vision folder दरअसल कुछ ऐसी images का collection है जिसे मैं अपनी life में चाहता हूँ।
For Ex: My dream House,Meditation Center,वृद्धाश्रम,100 GBDs Till 2021,100 Luxury Cars etc.

 इस Folder को मैं अपने Mobile में save करके रखता हूँ और जब इसपर ध्यान जाता है तो थोड़ी देर खोल कर देख लेता हूँ ।
जैसा कि मैं पहले ही बोल चुका हूँ कि हम Images के Through सोचते हैं इसलिए Vision Folder बनाना अपनी मन चाही चीज पाने का एक Powerful तरीका है आप इसे ज़रूर Try करें।

चलिए,अब हम कुछ Common Thoughts देखते हैं और ये भी देखते हैं कि उनकी जगह हमें क्या सोचना चाहिए —
❌मैं रोज late हो जाता हूँ।
☑️मैं अब time से पहुँचने लगा हूँ .
❌मुझे पैसों की तंगी रहती है .  ☑️मेरे पास बहुत पैसा है।
❌मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती।  
☑️मैं बिलकुल fit रहता हूँ।
❌मुझे लोग पसंद नहीं करते।  ☑️मैं सबका favourite हूँ।
❌मुझे हमेश बुरे लोग मिलते हैं। 
☑️मुझे हमेशा अच्छे लोग मिलते हैं।
      दोस्त,अंत में एक बात और …. ब्रह्माण्ड बहुत बड़ा है …जब आप Order करते हैं तो दूर कहीं उन चीजों का निर्माण शुरू होता है…छोटी चीजें जल्दी बन जाती हैं … बड़ी चीजें बनने में थोडा वक़्त लगता है …जब कोई चीज बन जाती है तो उसे आपको Deliver करने के लिए भेजा जाता है पर अगर बीच में ही आप अपना Order Cancel कर देते हैं तो वो चीज वापस चली जाती है …. ये कोई बुरी बात नहीं है , इसका फायदा ये है कि आप अपने बुरे Orders Cancel कर सकते हैं और अपनी Choice के Fresh Orders दे सकते हैं पर अगर आप Already अच्छे Orders दे चुके हैं तो उन्हें बुरे Orders से Replace मत करिये …अपने Order पर टिके रहिये …उस पर अपना Belief बनाये रखिये , अगर आप ये सोचेंगे कि पता नहीं आर्डर आएगा कि नहीं तो अनजाने में आप एक नया “ना आने का ऑडर्र दे देंगे ” इसलिए अपनी Belief बनाये रखिये और यकीन जानिये आपकी Delivery भी एक दिन आप तक पहुँच जायेगी …यही नियम है !
*ईश्वर आपका हर सपना पुरा करें।मैं आपके साथ हूँ--- विन्ध्य वासिनी पाण्डेय* mere guru ji ka thoughts
*आकर्षक का सिद्धांत--*
         *Thoughts become reality…Think,Visulise and speak always what you want.....*
    ```हममें से अधिकतर लोग चाहते कुछ है और सोचते कुछ और -----```
          दोस्त,जब आप Restaurant में खाने जाते हैं तो Waiter से क्या कहते हैं--- मुझे एक कढाई पनीर,2 Garlic नान और एक Fried Rice नहीं चाहिए⁉
या 
फिर मेरे लिए एक Lime soda मत लाना⁉
       *क्या आप ऐसे order देते हैं कि मुझे ये-ये चीजें नहीं चाहियें या ये बताते हैं कि आपको क्या -क्या चाहिए⁉⁉*
Of Course हर कोई यही कहता है कि उसे क्या चाहिए...ये नहीं कि उसे क्या नहीं चाहिए।
Now Suppose अगर हम Waiter से कहते कि क्या नहीं चाहिए तो क्या वो हमारे मन की चीज ला कर दे पाता⁉
 क्या वो हमारे “नहीं चाहिए ” से ये Interpret कर पाता कि हमें “ क्या चाहिए" 
नहीं कर पाता यही बात हमारी Life में भी लागू होती है …ये ब्रह्माण्ड एक ऐसी अद्भुत जगह है जहाँ हमारी हर एक इच्छा पूरी हो सकती है।

कैसे ?

हमारी सोच से ‼️‼️

     दोस्त,ये दरअसल एक Law है जो किसी भी Mathematical Law की तरह Perfect है , हम इसे Law Of Attraction कहते हैं।
       इस बारे में मैं पहले भी बात कर चुका हूँ इसलिए यहाँ मैं उन बातों को नहीं दोहराऊंगा।
    *बस आप इतना समझिये और मन में बैठा लीजिये कि आपकी सोच ही आपकी दुनिया का निर्माण करती है।*

   पर ऐसा है तो हर कोई क्यों नहीं कर पाता...जो वो चाहता है ⁉

दोस्त,मुझे इसके दो मुख्य कारण  हैं :----

➡️हर कोई इस बात को लेकर Crystel Clear नहीं है कि वो दरअसल सच मे क्या चाहता है⁉
और जिन्हें Clear है वे इस बारे में प्रबलता से सोचते न
  दोस्त,यदि आप पहले Point पर ही अटकें हैं तो सबसे पहले इस बात की Clarity लाइए कि आप चाहते क्या हैं और क्यूँ चाहते है⁉
     एक बार जब आप इसे लेकर Clear हो चुके हैं कि आप क्या चाहते हैं तो फिर बारी आती है उसे ब्रह्माण्ड से order करने की ।

*➡️ब्रह्माण्ड से कैसे Order कर सकते हैं ⁉*

ब्रह्माण्ड से order करना बहुत आसान है …यहाँ हमारा order हमारी सोच के through होता है …हम जो सोचते हैं उसे हमारा Order मान लिया जाता है।

  और यहीं हम Order देने में वो गलती कर बैठते हैं जिसे हम Restaurant में करने की सोच भी नहीं सकते !!
   अक्सर हम वो Order नहीं करते जो हमें चाहिए बल्कि वो करते हैं जो नहीं चाहिए।
       और Universe का चूंकि लैंग्वेज "इमेज" है और "हाँ" या "ना" का इमेज बनता नही बल्कि जो आप सोचते है उसका इमेज बनता है...तो...Universe को ऐसा लगता है कि आप जो सोच रहे है,जिसकी आप इमेज बना रहे है(हाँ या ना से बाहर निकलकर)...आप वही चाहते है।
      जब आप लगातार सोचते रहते हैं कि “ कहीं पैसे कम ना पड़ जाएं “ तो दरअसल ब्रह्माण्ड को एक order दे रहे होते हैं जिसे वो इस तरह सुनता है ,” ये आदमी चाहता है की इसके पास पैसे कम पड़ जाएं ” और आपके जीवन में उसे हकीकत के रूप में ले आता है …आप पैसों की और भी कमी महसूस करने लगते हैं।
    *दोस्त,दरअसल हम Images के Through सोचते हैं और ब्रह्माण्ड ये मान कर चलता है की जो इमेज हम देख या सोच रहे हैं वही हम अपनी लाइफ में चाहते हैं और उसे वो हमारे लाइफ की reality बना देता है।*

    तो जब आप “पैसे कम ना पड़ जाएं" सोचते हैं तो …दिमाग में पैसे कम होने की इमेज बनती है …और इससे Related Feeling अन्दर पैदा होती हैं …..य़े सब इतनी तेजी से होता है कि May Be आप इसे Notice ना कर पाएं पर हमारा ये विचार ब्रह्माण्ड तुरंत Catch कर लेता है और उसी के हिसाब से हमारी हकीकत बनाने में जुट जाता है।

Ok, तो आप ये तो समझ चुके होंगे कि आपको “पैसों की कमी" वाली thought नहीं सोचनी चाहिए।

क्योंकि ये तो वो चीज है जो आप नहीं चाहते हैं।आप तो इसका उल्टा चाहते हैं कि मेरे पास खूब पैसे हों।

Right…तो फिर आप इसे सोचिये …इसे हकीकत मान कर चलिए और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में इसे सच कर देगा ।

वो सोचो जो चाहते हो...वो नहीं जो नहीं चाहते हो ! 

तो दोस्त,य़े तो बड़ा आसान है। मुझे जो चाहिए वो सोचूं And As Per Law ब्रह्माण्ड मुझे वो सब कुछ दे देगा..Right..पर problem ये है कि जो चाहते हैं सिर्फ उसी के बारे में सोचना आसान नहीं है।
इंसानी दिमाग हर वक़्त सोचता रहता है …इसे Control करना बहुत मुश्किल होता है …शायद इसीलिए हमारे ऋषि -मुनियों ने ध्यान लगाने की विधि बनायीं होगी ताकि हम सोच की Infinite Power को खुद नियंत्रित कर सकें।
  पर हम उस तरह ध्यान नहीं लगा सकते … तो फिर हम क्या कर सकते हैं ⁉

    मैं क्या करता हूँ वो आपको बताता हूँ ।
पहली बात , मुझे जो चाहिए मैं उसे अच्छी तरह से imagine करता हूँ । जैसे-अच्छी Relationships, या Financial Stability,Dream House,Dream Car

अब ये Thought लगातार बनी रहे इसलिए मैं इसे दिन भर में कई बार अपने मन में दोहराता हूँ …उससे Related Visual Images इमेजिन करता हूँ …अच्छा Feel करने की कोशिश करता हूँ …ऐसा नही कि मैं दिन भर यही करते रहता हूँ …ये Randomly होता है...कभी भी Car में बैठे वक़्त,Lunch करते हुए…या किसी और Time पर मैं दिन में कई बार मुझे जो चाहिए उस बारे में सोचता हूँ।
  पर इसका ये मतलब  नहीं है कि मुझे जो नहीं चाहिए वो विचार मेरे अंदर आते ही नहीं …कई बार आते हैं …लेकिन जैसे ही मैं Conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मुझे चाहिए तो मैं उसे वहीँ छोड़ उसका उल्टा सोचने लगता हूँ।

     और ऐसा मैं हर तरह की Thoughts के साथ करता हूँ . Primarily मुझे जो चाहिए वो दो -तीन चीजें ही हैं लेकिन उनके अलावा भी मैं कोशिश करता हूँ कि हर एक Condition में मैं वही सोचूं जो मैं चाहता हूँ।
 Ex--अगर कहीं पहुँचने में देर हो रही होती है तो दिमाग में आता है कि कहीं Traffic जाम ना मिले।जिससे मिलना है वो चला ना जाए …etc….पर जैसे ही  मैं Conscious हो जाता हूँ कि ये वो नहीं जो मैं चाहता हूँ तो मैं ठीक उल्टा सोचना शुरू करता हूँ …Traffic बिल्कुल Smooth है…हर कोई मुझे रास्ता दे रहा है …और जिससे मिलना है वो मुझे ख़ुशी के साथ Welcome कर रहा है।

Of course, ज़रूरी नहीं है कि ऐसा हो ….पर  ऐस

Well, ये Conscious हो कर सोचने वाली प्रक्रिया बहुत Powerful है पर फूलप्रूव नहीं है …क्योंकि हो सकता है आप बुरे विचारों में इतने उलझे हों कि ध्यान ही न जाये कि जो चाहते हैं वो सोचें इसलिए मैं तीन ऐसी चीजें करता हूँ जो काम कर जाएं ।

*पहला है–* अपनी Success Diary लिखना.…Again , इसके बारे में मैं बता चुका हूँ , So I Won’t Repeat. In Short…आप जो चाहते हैं उसे रोज 5 बार ज़रूर लिखें।
रात मे सोते समय और सुबह बिस्तर छोड़ने से पहले ।

*दूसरा--* दिन में दो -तीन बार ऐसा मौका मिलता है जब आप निश्चित रूप से अकेले होते हैं …Fresh होते वक़्त,नहाते हुए …या Office जाते समय..आप इन Situations को अपनी Life Priorities के बारे में सोचने के लिए Dedicate कर सकते हैं।

For Ex:-- जब मैं Fresh हो रहा होता हूँ तो मैं अपने Financial Freedom के बारे में सोचता हूँ । 
कहीं भी जाते समय मैं भगवान् को वो सब कुछ जो उन्होंने दिया है उसके लिए Thanks करता हूँ,उनके प्रति Gratitude देता हूँ…. हाँ , मैं कई बार इसमें चूक भी जाता हूँ …पर धीरे -धीरे ये मेरी आदत बन रही है …और मैं अपनी Life में Changes भी महसूस कर रहा हूँ ।

*तीसरा --* Vision Folder  या Dream Book देखना। Vision folder दरअसल कुछ ऐसी images का collection है जिसे मैं अपनी life में चाहता हूँ।
For Ex: My dream House,Meditation Center,वृद्धाश्रम,100 GBDs Till 2021,100 Luxury Cars etc.

 इस Folder को मैं अपने Mobile में save करके रखता हूँ और जब इसपर ध्यान जाता है तो थोड़ी देर खोल कर देख लेता हूँ ।
जैसा कि मैं पहले ही बोल चुका हूँ कि हम Images के Through सोचते हैं इसलिए Vision Folder बनाना अपनी मन चाही चीज पाने का एक Powerful तरीका है आप इसे ज़रूर Try करें।

चलिए,अब हम कुछ Common Thoughts देखते हैं और ये भी देखते हैं कि उनकी जगह हमें क्या सोचना चाहिए —
❌मैं रोज late हो जाता हूँ।
☑️मैं अब time से पहुँचने लगा हूँ .
❌मुझे पैसों की तंगी रहती है .  ☑️मेरे पास बहुत पैसा है।
❌मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती।  
☑️मैं बिलकुल fit रहता हूँ।
❌मुझे लोग पसंद नहीं करते।  ☑️मैं सबका favourite हूँ।
❌मुझे हमेश बुरे लोग मिलते हैं। 
☑️मुझे हमेशा अच्छे लोग मिलते हैं।
      दोस्त,अंत में एक बात और …. ब्रह्माण्ड बहुत बड़ा है …जब आप Order करते हैं तो दूर कहीं उन चीजों का निर्माण शुरू होता है…छोटी चीजें जल्दी बन जाती हैं … बड़ी चीजें बनने में थोडा वक़्त लगता है …जब कोई चीज बन जाती है तो उसे आपको Deliver करने के लिए भेजा जाता है पर अगर बीच में ही आप अपना Order Cancel कर देते हैं तो वो चीज वापस चली जाती है …. ये कोई बुरी बात नहीं है , इसका फायदा ये है कि आप अपने बुरे Orders Cancel कर सकते हैं और अपनी Choice के Fresh Orders दे सकते हैं पर अगर आप Already अच्छे Orders दे चुके हैं तो उन्हें बुरे Orders से Replace मत करिये …अपने Order पर टिके रहिये …उस पर अपना Belief बनाये रखिये , अगर आप ये सोचेंगे कि पता नहीं आर्डर आएगा कि नहीं तो अनजाने में आप एक नया “ना आने का ऑडर्र दे देंगे ” इसलिए अपनी Belief बनाये रखिये और यकीन जानिये आपकी Delivery भी एक दिन आप तक पहुँच जायेगी …यही नियम है !
*ईश्वर आपका हर सपना पुरा करें।मैं आपके साथ हूँ--- विन्ध्य वासिनी पाण्डेय* mere guru ji ka thoughts
dollkidil1894

Doli dk

New Creator

mere guru ji ka thoughts #अनुभव