जो हर बार बताते थे क्या सही है क्या गलत है क्या करना है क्या नही करना है, अब हाल तक नहीं पूछते बिल्कुल खामोश हो गए हैं या तो भरोसा हो गया हम पर या फिर उम्मीद छोड़ चुके हैं हमसे । जो हर बार बताते थे क्या सही है क्या गलत है क्या करना है क्या नही करना है, अब हाल तक नहीं पूछते बिल्कुल खामोश हो गए हैं या तो भरोसा हो गया हम पर