इन गलियों से हम थोड़े दूर क्या रहें जनाब , अब तो हम उनके ही ना रहे, कभी देख जिनके होंठों पे मुस्कान छा जाती थी, आज वही नजरे देख छूक गए, लगता है जनाब अब हम उनके ना रहे। कुछ यूं व्यस्त हो गए हैं वो हमे पहचान कर भी अनजान रह गए मगर मोहब्बत है उन्हें हमसे जो वो ना कह पाए वह उनके नजरे कह गए। लगता है जनाब हम उनके दिल में घर कर गए। #हम उनके ना रहे