उसको समझने के लिए पढ़ी , उसकी लिखी हुई किताबे। ना पढ़ा तो बस उसका चेहरा, कहा था उसने पहले, उसका साथ मेरे लिए जैसे चाँद पर चांदनी का पहरा। खुश तो हम भी थे उसके साथ होने से पर कहाँ रुकता है, ये वक़्त खुशियों का ठहरा। #Nojoto#NojotoHindi#shayri#chand#chandni#hindipoetry