यह समय बड़ा बलवान है आया, कैसी विपदा आई है डूब रहा है सूरज सबका, फिर से अंधियारी छाई है कोई कहता फरेब है ये,कोई छलाबा कहता है समय अभी है मान लो यारों, यह शत-प्रतिशत सच्चाई है जो सुखद समय में साथ खड़े थे,आज वो भी दर किनार हुए कैसी बुरी घड़ी है आई,यहाँ अपनो के रिश्ते तार हुए यहाँ सिस्टम भी लाचार हुआ,हर घर अपनो की लाश जली मरते केवल हजारों लेकिन यहाँ, संख्या बढ़ कर लाख हुई माना रफतार बढी है वाइरस की लेकिन,हमने कहाँ ये माना है दुनिया मरे तो मरे, हमें तो बाहर घूमने जाना है ऑक्सीजन की है क़िल्लत लेकिन,हमने पेड़ भी कहाँ लगाये है पेड़ों को काट काट कर, हमने शहर वहाँ बसाये है अस्पतालों में है दृश्य भयानक, रास्तों पे जलती लाशें हैं बड़ा भयानक है कोरोना,जहाँ घुट घुट चलती साँसे हैं कोई बाहनों से लेकर भागा, कोई नंगे पाँव है हाथ में लिए कुल्हाड़ी देखो, ढूँढ रहे वे छांव है वाइरस से जान बचाने को, वो अपनी जान पे खेल रहे योद्धा नाम दिया है उनको, जो पी पी ई किट में गर्मी इतनी झेल रहे ----------------@ सूरज ©Suraj Singh corona fight corona fight corona फाइट corona fight #IndiaFightsCorona