समय का पहिया बहुत तेजी से घूमता है सुख में भी और दुख में भी अपनी ही मस्ती में झूमता है कैसे निकला एक पल एक दिन एक महीना एक साल और कई साल कइयों ने हमारे नहीं, कइयों के हमने नहीं पूछे हैं हाल समझ में किसी के आता ही नहीं समय एक भंवर है कि जाल फंसते ही जाते हैं मोह में बसते ही जाते है टोह में कितना था कीमती पता चलता है बिछोह में ना रुकता है ना थकता है पर जब चाहे हमें रुकाता है थकाता है बिमारी का कर्जे का परिवार का बहाना करके करता तगड़ा तगादा है हमें मोहजाल समझता ही नहीं बस लगता बढ़ती उम्र का इरादा है शनेः शनेः हम सोचते रहते हैं मोहमाया में धंसते रहते हैं अच्छे को अपनी करनी बुरे को तकदीर समझते रहते हैं उलझा कर रख हमें वो अपनी "समय सीमा समाप्ति की घोषणा" कर जाता है वो पहिया हमें एक तस्वीर एक माला में समेट जाता है! समय का पहिया #yqdidi #snehlata