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अकेले रहते रहते एक अरसा हो गया था... जवानी ढल गयी

अकेले रहते रहते एक अरसा हो गया था... 
जवानी ढल गयी थी.. बुढ़ापा आ गया था ... 
सब भूल गये थे ... सब साथ छोड़ गये थे .. 
ये तो दोस्त थे मेरे ...जो मैं जिन्दा हूँ ... 
वरना जिंदगी में बचा ही क्या था ... 
खुशियाँ चली गयी थी ... 
आंसुओ का शैलाब आ गया था.. #for my friends who always supports me....
अकेले रहते रहते एक अरसा हो गया था... 
जवानी ढल गयी थी.. बुढ़ापा आ गया था ... 
सब भूल गये थे ... सब साथ छोड़ गये थे .. 
ये तो दोस्त थे मेरे ...जो मैं जिन्दा हूँ ... 
वरना जिंदगी में बचा ही क्या था ... 
खुशियाँ चली गयी थी ... 
आंसुओ का शैलाब आ गया था.. #for my friends who always supports me....