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तुम्हें ख्वाब बनाकर दिनरात याद करता हूँ तुम्हें पत

तुम्हें ख्वाब बनाकर दिनरात याद करता हूँ
तुम्हें पता होगा न तुम पर दिलों जान से मरता हूँ
मुकम्मल नीद भी तभी आती है रातों में
सच कह रहा हूँ जब तकिया तुम्हारे नाम का लेकर सोता हूँ

©Aarav shayari #Remember #Love #Hindi #Shayari
तुम्हें ख्वाब बनाकर दिनरात याद करता हूँ
तुम्हें पता होगा न तुम पर दिलों जान से मरता हूँ
मुकम्मल नीद भी तभी आती है रातों में
सच कह रहा हूँ जब तकिया तुम्हारे नाम का लेकर सोता हूँ

©Aarav shayari #Remember #Love #Hindi #Shayari