पौराणिक कथाओं के अनुसार देवराज इन्द्र का अमोघ और अचूक शस्त्र है..#वज्र. मानवीय व्यवहार में हिन्दी के विद्वानों ने दो शब्दों का प्राय: उल्लेख किया है-वज्रपात और वज्राघात. दोनों खतरनाक शब्द हैं. अकल्पनीय घटनाओं से प्रभावित इनका शिकार व्यक्ति किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है... साहस और धैर्य से मुकाबला न कर पाने की स्थिति में वह या तो पागल हो जाता है या फिर गया काम से....साहसी और धैर्यवान पार पा जाते हैं.