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बिहार के सितारें (पूरी रचना अनुशिर्षक में पढ़े) ©न

बिहार के सितारें
(पूरी रचना अनुशिर्षक में पढ़े)

©नकहत प्रवीण ज़ेबा आज इतनी आसानी से बड़े बड़े हिसाब कर जाते हो,
किया जिसने अविष्कार शून्य का,
वो "आर्यभट्ट थे बिहारी"..
आज जो 73 वर्षों से आज़ादी की जश्न मनाते आये हो,
आजादी की नींव में जिसने दिया साथ,
वो "बाबू कूँवर सिंह थे बिहारी"..
भारत के प्रथम राष्ट्रपति बन जो देश को दी एक नई राह,
थे "वो राजेन्द्र प्रसाद बिहारी"..
बिहार के सितारें
(पूरी रचना अनुशिर्षक में पढ़े)

©नकहत प्रवीण ज़ेबा आज इतनी आसानी से बड़े बड़े हिसाब कर जाते हो,
किया जिसने अविष्कार शून्य का,
वो "आर्यभट्ट थे बिहारी"..
आज जो 73 वर्षों से आज़ादी की जश्न मनाते आये हो,
आजादी की नींव में जिसने दिया साथ,
वो "बाबू कूँवर सिंह थे बिहारी"..
भारत के प्रथम राष्ट्रपति बन जो देश को दी एक नई राह,
थे "वो राजेन्द्र प्रसाद बिहारी"..