मैं अपने काम क़ायदों में बस इसीलिए करता हूँ ठीक से न करने पर वे गलत ही ठहराए जाते हैं तुम लाख चश्में बांटते रहो फिर अंधी दुनिया को अक़्लमंद चीख चीख के परचम फहराए जाते हैं परचम