ख़ुद को मे समझाता कब तक सचाई को में झुठलाता कब तक, खुदा के घर को में, जाता कब तक उसे पाने की इबादत में करता कब तक, एकतरफा रही मोहब्बत मेरी मे उनको मोहब्बत बनाता कब तक, ©JASVINDER SAROHA ख़ुद को में समझाता कब तक #alone