खफा खफा सा है अब शहर मेरा और गालियाँ भी अब नहीं संवरती ,, अब चांद भी नहीं निकलता है और बिजलियाँ भी नहीं चमकती ... ☺🙏☺ ©ᴍʀ.x {**श्री राधा **} S.K Bhanu Kaushal प्रज्ञा sakshi Pandey abhay maurya(pathik)