अपने जज्बात बहाया करती हैं, अक्सर अपनों की खातिर अपने ख्वाब भुलाया करती हैं, आसुँ भरी आंखों से भी अपने लबों को मुस्कान से सजाया करती हैं, इन भीगी पलकों के साय में न जाने कितने सुख-दु:ख के आसुँओं को खुद में समेटे रखती हैं... ♥️ Challenge-937 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।