ये एहतियात ये फ़िक़्रों का सिलसिला रखना मैं किसी रोज़ भी आ जाऊँ दर खुला रखना तमाम रात यही सोचने में गुज़री है क्यूँ तुमने हमसे कहा था कि फाँसला रखना शमसुल हसन "शम्स" दर खुला रखना #nojotoshayari #hindishayari #poetry #shayari #hindi #poet #bestshayari #towlinespoetry