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अब तक कोई मुझे अपने दिल से समझ नही पाया, क्योंकि म

अब तक कोई मुझे अपने दिल से समझ नही पाया,
क्योंकि मेरी सोच किसी तलवार के धार जैसा है,
प्यार मैं कितना करता हु,कैसे खुद पर यकीन दिलाऊ,
क्योंकि मेरा भरोसा तो मछली और पानी के प्यार जैसा है,

©Sonu Chourasiya
  pathik Rakesh Srivastava advocate SURAJ PAL SINGH Ritu Chaurasia gudiya