मैं कहू और तुम मेरी बात मान ऐसा हो सकता है। क्या मैं चाहु और तुम मेरा हाथ थामो ऐसा हो सकता है। क्या गर चाहत ना होती तुमसे, इस कदर तो हम भी तुम्हारे हाँ के मोहताज ना होते। पर क्या करे कम्बाखत इस दिल का, जो तुम्हारे ही इंतजार में रहता है। एक झलक पाने को बेताब सा रहता है। वरना, हम भी कम दिलनशी नहीं है। जनाब, साजि़श आंखें करे ,और सजा़ दिल को ना मिले ऐसा हो सकता है। क्या मैं कहु और तुम मेरी बात मानो ऐसा हो सकता है। क्या।। ©Kanak Maan #mainkahu #Dil__ki__Aawaz #fresher #FreshThoughts #sundayevening #baatain #natojo #writer #Happiness #OneSeason