नदी,सागर,ताल के किनारे यारा बसते है लोग बहुत सारे, करते है पानी का प्रयोग प्रतिदिन कर रहें जिसे ही गंदगी करके मलिन पहले लोग करते थे प्रकृति की उपासना अब प्रकृति के लिए भी भर गईं मन में वासना तापमान वृद्धि,अति ठंड,सूखा, कहीं जल प्रलय जागो हे इंसान, प्रकृति दे नहीं सकती और अभय ©Kamlesh Kandpal #Prdushan