खतरो से निड़र वै लड़ते थे अंगो से बिखर वो पड़ते थे फिर आंखो मे अंगार लिए बिजली से कड़क वो पड़ते थे बाहो मे फिर जोर लिए तलवारो की मोहर लिए मुगलो पर अंकित करते थे शाहो को आतंकित करते थे एक तेजस्वी राणा से रण स्वयं भयभीत था अगर लड़ा यह भूमी पर तो बचना सिर्फ शोणित था एकलिंगनाथ कि भूमि का वो मैवाड़ी वीर था प्रलय थी उसकी तलवारे ,भाला अर्जुन का तीर था #Maharanapratapjayanti #maharana #pratap #chetak #freedom #fighter