तेरी यादों में घुट घुटकर जीना अब मंज़ूर नहीं , तेरे दिल में किसी और की धड़कनों का होना अब बर्दास्त नहीं , जिसे चाहा था टूटकर उसे मेरी चाहत का ऐतबार नहीं , सोंचा कर लूं अब मैं भी किसी और से मोहब्बत, मगर अब शायद मौत को भी मेरी मोहब्बत पर ऐतबार नहीं ।। #justsmile☺️