रुक सी गई थी धड़कनें मेरी न जाने ये पल भी क्यूं थम सा गया मुझको हुई न थी कुछ ख़बर तुमसे बेइंतेहा जो मोहब्बत हुआ,,,,,, इजहार भी करूं पर दिल क्यूं डरता है तुम्हें लेकर शायद तुझे खोने से बहुत डरता है,,,,,, ____________❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️________________