थक गए हैं ज़िन्दगी को अपनी, दास्तां अब हम सुनाते-सुनाते!! मिल जाओगे तुम मुझको दिलासे, दिल को झूठे दिलाते-दिलाते!! कहना था बस कह दिया ... ~~~ निशान्त ~~ daastan