खुद को खो दिया सफर जहां से शुरू किया था, लौट कर वहाँ वापस आ गए उस दरिया को पार, बस कर ही लिया था तभी अचानक ख्वाबो से बहार आ गए मोड़ कुछ ऐसा लिया जिंदगी ने सब कुछ राख होने के बाद होश में आ गए और ये झूठ है, मंजिल तक मुसाफिर मुकम्मल था देखो किसी को पाने के लिए, खुद को खो कर आ गए ©Prince Mahi kho diya