इक लीक बन गई थी तुम तक पहुँचने की, मैं उस लीक से हटकर चला, इक गलियारा मिला अँधेरों भरा, मैं तेरे भूत को सहर्ष स्वीकार कर चला, द्वार बंद कर दो कि अब और ना कोई आने पाये, क्योंकि हर दर से मैं भी दुत्कार पाकर चला। AVT Comment below and let me know how's this? #quote #nojoto #womensdayspecial