नव-दस आबादी का, हुआ पैदा शोषित होने को! दृग मंज़र बर्बादी का, पैदाइश शोणित बहाने को!! जात-धर्म-लिंग- देश , शोषक का है प्रदेश! बस मिल जाए शाबाशी, क्यूंकि चाह मिथ्या स्वर्ग बस जाने को!! बिना सवाल मानो संदेश, तभी तो होगा? खुदा का पालन आदेश! देखा है हर पहलू, पर सदियाँ गलत-सही नहीं परखा! सदियाँ भी है दबा रखा! ©Prabodh Raj #hindi #poetry #society #persecution #history #social #issue #nojoto