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ख्वाहिशें जो थी सब कुबूल हो गई, मैं बिस्किट सा डूब

ख्वाहिशें जो थी सब कुबूल हो गई,
मैं बिस्किट सा डूबा, वो मेरी चाय हो गई।
      
                     –आयूष जी श्रीवास्तव















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©आयूष जी श्रीवास्तव
  ख्वाहिशें जो थी सब कुबूल हो गई,
मैं बिस्किट सा डूबा, वो मेरी चाय हो गई।
      
                     –आयूष जी श्रीवास्तव

ख्वाहिशें जो थी सब कुबूल हो गई, मैं बिस्किट सा डूबा, वो मेरी चाय हो गई। –आयूष जी श्रीवास्तव #Shayari

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