प्रभाती - दोहे ****''***** *** जग जागा अब जाग जा, नैनो के पट खोल। मुख से हरि का नाम ले, राम का नाम बोल।। जब-जब हरि के नाम से, होगी तेरी भोर । अंधकार मिट जाएगा, चल प्रकाश की ओर।। प्रातः काल में सदा ले, हरि का प्यारे नाम। चिंता सारी छोड़ दे, मिटेगे दुख तमाम।। मन को पावन कर जरा,हरिका करले जाप। सब कुछ हरि पर छोड़ दे,मिटे ताप संताप।। राहें मुस्किल हो भले, हरि को करले याद। बाधा सारी दूर हो, मत कर व्यर्थ विवाद।। ©Uma Vaishnav #प्रभाती #doha #soulmate