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जो हमारी आँखे देखती है, दुनिया में वो हकीक़त नहीं


जो हमारी आँखे देखती है,
दुनिया में वो हकीक़त नहीं होती,
जिसे हम सच मानते हैं,
वह तो हमारी आँखों का भ्रम होता है।

कलयुग के इस आलम में,
दुनिया झूठ की हिमायती हो गई है,
सच को मारकर अपने स्वार्थ के लिए,
लोग बोल रहे हैं झूठ कदम कदम पर।

झूठ से मिलेगी खुशी तुझको,
लेकिन मन तो तुम्हारा व्याकुल ही रहेगा, 
गिर जाएगा आदमी अपनी ही नजरों में, 
और एक दिन जीत तो सच की ही होगी। 

चाहे आ जाए कितनी भी मुसीबत तुझ पर, 
लेकिन इसका सामना करना सच्चाई की डोर पकड़े, 
कठिनाइयां झेलनी पड़ेगी तुझको हर राहों में, 
लेकिन अंत में जीत तो तेरी ही होगी। 

-Nitesh Prajapati  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1094 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

जो हमारी आँखे देखती है,
दुनिया में वो हकीक़त नहीं होती,
जिसे हम सच मानते हैं,
वह तो हमारी आँखों का भ्रम होता है।

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दुनिया झूठ की हिमायती हो गई है,
सच को मारकर अपने स्वार्थ के लिए,
लोग बोल रहे हैं झूठ कदम कदम पर।

झूठ से मिलेगी खुशी तुझको,
लेकिन मन तो तुम्हारा व्याकुल ही रहेगा, 
गिर जाएगा आदमी अपनी ही नजरों में, 
और एक दिन जीत तो सच की ही होगी। 

चाहे आ जाए कितनी भी मुसीबत तुझ पर, 
लेकिन इसका सामना करना सच्चाई की डोर पकड़े, 
कठिनाइयां झेलनी पड़ेगी तुझको हर राहों में, 
लेकिन अंत में जीत तो तेरी ही होगी। 

-Nitesh Prajapati  ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1094 #collabwithकोराकाग़ज़

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