बारे अलम उठाया रंगे निशात देखा आएं नहीं यूं ही अंदाज बेहिसी के। वफा पर दिल को सदके जान को नजरे जफा कर दे, मुहब्बत में लाज़िम है की जो कुछ हो फिदा कर दे, अब तो वही इच्छा है कि बहे बहरे फना में जल्व या रब लाश बिस्मिल की, की भूखी मछलियां है जौहरे शमशीर कातिल की। समझकर फूंकता जरा ऐ दाग नाकामी, बहुत से घर भी आबाद इस उजड़े हुए दिल से शहीद राम प्रसाद बिस्मिल ©#Lifechanger #शाहिद #मौत #candle