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किताबें मुझसे बातें करती है" किताबें मेरी सबसे अ

किताबें मुझसे बातें करती है" 

किताबें मेरी सबसे अच्छी मित्र है, क्योंकि ये मुझे मेरे अकेलेपन मे एक अच्छे मित्र की तरह ज्ञान देकर मुझे अच्छा और सही कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। मेरी किताब मुझे 100 मित्रो के बराबर लगती है। मेरे लिए किताबें एक टॉनिक के समान है। 

किताबें मुझसे बातें करती हैं,
मेरे भूतकाल की, मेरे वर्तमान की और भविष्य की। 

दुनिया की, इंसानों की,और करती है बातें मेरे दिल की, 
आज की, कल की, मेरे हर एक-एक पल की। 

जैसे कि शरीर को बलिष्ठ बनाने के लिए मैं शारिरिक व्यायाम करती हूँ, ऐसे ही मस्तिष्क को बलिष्ट बनाने के लिए मैं किताबें पढ़ती हूँ । इस धरती पर किताब के समान सबसे अच्छा और सच्चा कोई मेरा कोई मित्र नहीं है। 

अगर मुझे  व्यक्ति विशेष, देश, संस्कृति, पर्यटन आदि के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त करना होता है, या लम्बी दूरी तय करके कहीं जाना होता है। तो मैं किताब पढ़ कर विश्व मे किसी भी जगह का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लेती हूँ। 

पुस्तक मेरे लिए  उस ज्ञान के भंडार के समान है, जिसके आगे विश्व के समस्त खजानो के भंडार छोटे है। क्योंकि संचित किये हुए खजाने जैसे कि स्वर्ण भंडार, पैसों का भंडार आदि चले जाने के बाद मिलना बहुत ही मुश्किल होते है। 

परंतु किताबों से प्राप्त किये हुए ज्ञान को ना कोई चुरा सकता है, ना ये ज्ञान कही जा सकता है। जितना मैं किताबों का अध्य्यन करती हूँ उतना ही मेरा ज्ञान का कोष बढ़ता जाता है। किताबें इस धरती पर मेरे  लिए सबसे बड़ा वरदान है। 

किताबों का बहुत बड़ा संसार है,
किताबों में ज्ञान का भंडार है। 

मैं इस संसार में हमेशा जीना चाहूँगी,
क्योंकि किताबें मुझसे कुछ कहना चाहती हैं,
मैं उनके पास वो मेरे साथ रहना चाहती हैं।

©Madhyamika #किताबें #Nojoto #love #life #books 

#paper
किताबें मुझसे बातें करती है" 

किताबें मेरी सबसे अच्छी मित्र है, क्योंकि ये मुझे मेरे अकेलेपन मे एक अच्छे मित्र की तरह ज्ञान देकर मुझे अच्छा और सही कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। मेरी किताब मुझे 100 मित्रो के बराबर लगती है। मेरे लिए किताबें एक टॉनिक के समान है। 

किताबें मुझसे बातें करती हैं,
मेरे भूतकाल की, मेरे वर्तमान की और भविष्य की। 

दुनिया की, इंसानों की,और करती है बातें मेरे दिल की, 
आज की, कल की, मेरे हर एक-एक पल की। 

जैसे कि शरीर को बलिष्ठ बनाने के लिए मैं शारिरिक व्यायाम करती हूँ, ऐसे ही मस्तिष्क को बलिष्ट बनाने के लिए मैं किताबें पढ़ती हूँ । इस धरती पर किताब के समान सबसे अच्छा और सच्चा कोई मेरा कोई मित्र नहीं है। 

अगर मुझे  व्यक्ति विशेष, देश, संस्कृति, पर्यटन आदि के बारे में कुछ ज्ञान प्राप्त करना होता है, या लम्बी दूरी तय करके कहीं जाना होता है। तो मैं किताब पढ़ कर विश्व मे किसी भी जगह का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लेती हूँ। 

पुस्तक मेरे लिए  उस ज्ञान के भंडार के समान है, जिसके आगे विश्व के समस्त खजानो के भंडार छोटे है। क्योंकि संचित किये हुए खजाने जैसे कि स्वर्ण भंडार, पैसों का भंडार आदि चले जाने के बाद मिलना बहुत ही मुश्किल होते है। 

परंतु किताबों से प्राप्त किये हुए ज्ञान को ना कोई चुरा सकता है, ना ये ज्ञान कही जा सकता है। जितना मैं किताबों का अध्य्यन करती हूँ उतना ही मेरा ज्ञान का कोष बढ़ता जाता है। किताबें इस धरती पर मेरे  लिए सबसे बड़ा वरदान है। 

किताबों का बहुत बड़ा संसार है,
किताबों में ज्ञान का भंडार है। 

मैं इस संसार में हमेशा जीना चाहूँगी,
क्योंकि किताबें मुझसे कुछ कहना चाहती हैं,
मैं उनके पास वो मेरे साथ रहना चाहती हैं।

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