लेखन उनका उत्कृष्ट सही, लिखना शब्दों का क्लिष्ट सही । निष्ठा के जोग सलोने हैं, आकृष्ट लोग नहीं होने हैं ।। आकर्षण केवल माप नहीं, लिख सलिल थाह की नाप नहीं । मनुकाव्य अश्रु लव झीने हैं, अमृत विष मथ जल पीने हैं ।। जी हाँ, यह कविता आपको समर्पित है। आपके आँसू, आपका दर्द, आपकी निष्ठा, आपकी उत्कृष्ट रचनाएं, आपके शब्दों की थाह.. मुझे झकोर देती हैं.. पुलकित कर देती हैं.. Much Love..