बनाए खुशियों से भरा जहां ख़्वाहिश है तेरी मेरी जहाँ मिलने नही देता रस्मों की बंदिश है तेरी मेरी बरसे अब्र इस बार झूम कर गाए कोकिला पपीहे भीगो दे हमें सरशार बुंदों से गुज़ारिश है तेरी मेरी लाल-ए-शकर-ए-अफ़्शाँ हर गुल-ए-तर बन जाए आब-ए-हयात बरसे ख़ुदा से नवाज़िश है तेरी मेरी घोल देते हैं थोड़ी शरारत-ओ-शोख़ी हर महफ़िल में झूमे मस्ती में फ़िज़ा भी मासूम साज़िश है तेरी मेरी शगुफ़्ता रुबाब भी गाएगा संग संग लहराकर इश्क में धुन भी बहकेगी ऐसी उंगलियों की लर्ज़िश है तेरी मेरी हर्फ़ भी चमकेगा दमकेगा सितारे सा हमारी 'नेह' में दिलक़श ला-फ़ानी मुहब्बत की निगारिश है तेरी मेरी ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1006 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।