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एक दूजे के बाहों में गुजरती थी रात अब तो सूना पड़ा

एक दूजे के बाहों में गुजरती थी रात
अब तो सूना पड़ा है इश्क़ का चिराग

शहतूत सा होठों के छुवन से छा जाती थी मदहोशी 
बिन अपनापन का एहसास,भला कैसे हो अनुराग 

       
                                            



                                           @आशुतोष यादव #तन्हा_परिंदा #तन्हा_सफर   Roshani Thakur sheetal pandya मेरे शब्द Amita Tiwari🎤✍️🎸 himanshi Singh अंकित सारस्वत
एक दूजे के बाहों में गुजरती थी रात
अब तो सूना पड़ा है इश्क़ का चिराग

शहतूत सा होठों के छुवन से छा जाती थी मदहोशी 
बिन अपनापन का एहसास,भला कैसे हो अनुराग 

       
                                            



                                           @आशुतोष यादव #तन्हा_परिंदा #तन्हा_सफर   Roshani Thakur sheetal pandya मेरे शब्द Amita Tiwari🎤✍️🎸 himanshi Singh अंकित सारस्वत