किरण सदा सूर्य में रहती हूं लिपटी हूं अग्नि की ज्वाला से मैं ज्योतित कर देती जग को अपनी प्रकाशित माला से बदरा की विस्तृत चादर भी ढक नहीं सकती कोख में अपनी छुपा कर रख नही सकती मैं कूप पतित उन सांसो का जीवन मैं सूर्य की उजियारी आशा की 'किरण' किरण एक नया परिचय करती हूं किरण का #nojoto #nojotohindi #nojotobest #nojotohindipoems #kiranpurohit #kiran #kiranpurohit #किरण #surya #badra #kavita